अभ्यर्थियों को शपथ पत्र में देनी होगी लंबित या दोषसिद्ध आपराधिक प्रकरणों की जानकारी
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आपराधिक रिकार्ड वाले अभ्यर्थियों को उन समाचार पत्रों की प्रतियां निर्वाचन व्यय लेखे के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करना होगी जिन समाचार पत्रों में उसके द्वारा आपराधिक प्रकरणों के संबंध में घोषणा का प्रकाशन कराया गया है।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में तीन बार प्रकाशित एवं प्रसारित भी कराना होगा
झाबुआ। विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले ऐसे प्रत्येक अभ्यर्थी को यदि उस पर कोई आपराधिक प्रकरण लंबित है या ऐसे मामले जिनमें दोषसिद्धि हो गई है तो उसे इन आपराधिक प्रकरणों की न केवल नामांकन पत्र के साथ फार्म-26 में दाखिल किये जाने वाले शपथ में घोषणा करनी होगी, बल्कि इसका स्थानीय स्तर पर सर्वाधिक प्रसार वाले समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर कम से कम तीन बार अभ्यर्थिता वापसी के अंतिम दिन से मतदान समाप्त होने की अवधि से 48 घंटे पूर्व की समय-सीमा में प्रकाशित एवं प्रसारित भी कराना होगा।
प्रत्येक अभ्यर्थी भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये प्रारूप एवं उसमें दिये गये सभी विवरण को भरेगा। यदि किसी अभ्यर्थी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है तो उसे स्वयं पर लंबित अपराधिक प्रकरण के संबंध में बड़े अक्षरों में विवरण भरना होगा। ऐसा अभ्यर्थी किसी राजनैतिक दल द्वारा टिकिट दिये जाने पर निर्वाचन लड़ रहा है, तो उसे स्वयं पर लंबित या दोषसिद्ध अपराधिक प्रकरण के संबंध में उस राजनैतिक दल को सूचना देना अनिवार्य होगा।

निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आपराधिक रिकार्ड वाले अभ्यर्थियों को उन समाचार पत्रों की प्रतियां निर्वाचन व्यय लेखे के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करना होगी जिन समाचार पत्रों में उसके द्वारा आपराधिक प्रकरणों के संबंध में घोषणा का प्रकाशन कराया गया है। इसी तरह राजनैतिक दलों को भी चुनाव समाप्त होने के 30 दिन के भीतर संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस संबंध में समाचार पत्रों की कतरन सहित अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा। ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में इसे विधि सम्मत निर्देशों का उल्लंघन माना जायेगा तथा संबंधित राजनैतिक दल और अभ्यर्थियों के विरूद्ध आयोग द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
आपकी राय