झाबुआ के इतिहास में प्रथम बार तीन आचार्यों के साथ आदि ठाणा-51 का एकसाथ हुआ मंगल प्रवेश

आचार्यत्रय ने मंगल प्रवचन में धर्म की गंगा की प्रवाहित, संपूर्ण यात्रा के संघपतियों का त्रि-स्तुतिक संघ ने किया बहुमान

त्रि-स्तुतिक संघ ने लिया समस्त वैयावच्च का लाभ, मंगल प्रवेश पर निकाला गया भव्य वरघोड़ा 

झाबुआ। शहर में इतिहास में प्रथम बार एक साथ तीन आचार्यों में श्री मुक्तिप्रभ सुरीश्वरजी, आचार्य श्री अक्षयप्रभ सुरीश्वरजी एवं आचार्य श्री पुण्यप्रभ सुरीश्वरजी मसा के साथ आदि ठाणा-51 का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। उनके साथ 13 दीक्षार्थी भाई-बहन भी सम्मिलित है। साथ ही सहयोगी में श्री संघ के 60 सदस्यगण साथ चल रहे है। शहर में इनकी समस्त वैयावच्च का लाभ त्रि-स्तुतिक संघ के मप्र अध्यक्ष संतोष जैन ‘नाकोड़ा के नेतृत्व में प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष कोठारी एवं प्रदेश सह-सचिव मुकेश रूनवाल द्वारा लिया जा रहा है। 26 एवं 27 फरवरी को दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिन स्थानीय दिलीप गेट स्थित महावीर बाग मंदिर से सुबह 8.30 बजे बैंड-बाजों के साथ आचार्यत्रय आदि ठाणा एवं सभीजनों का भव्य आगमन हुआ। जिसमें दीक्षार्थी भाई-बहनों का वरघोड़ा भी निकाला गया। जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए श्री ऋषभदेव बावन जिनालय पहुंचा। जिसमें श्री संघ के समस्त श्रावक- श्राविकाएं बड़ी संख्या में सम्मिलित रहे। बाद बावन जिनालय में मंगल प्रवचन हुए। तत्पश्चात् रात्रि 8 बजे आचार्यत्रय आदि ठाणा द्वारा समाजजनों से धर्म चर्चा की गई। 
धर्म के मार्ग पर चलना कठिन कार्य
 इसी प्रकार 27 फरवरी, ररिवार को भी सुबह 9 बजे से पोषध शाला भवन में मंगल प्रवचन में आचार्यत्रय द्वारा समाजजनों को धर्म का मार्ग प्रशस्त्र करवाया एवं बताया कि धर्म के मार्ग पर चलना काफी कठिन होता है और जो इस मार्ग पर चलता है, वह हमेशा सुखी रहता है। इसके पश्चात् बाहर से पधारे सभीजनों की साधर्मी भक्ति का लाभ भी त्रि-स्तुतिक संघ की ओर से लिया गया। इस दौरान उक्त संपूर्ण यात्रा के संघपति (लाभार्थी) परेशभाई सेठ मुंबई, निलेशभाई सेठ कलकत्ता एवं मोक्षभाई सेठ मुंबई का बहुमान भी त्रिस्तुतिक संघ द्वारा शाल-श्रीफल से किया गया। 
पारा के लिए किया जाएगा विहार 
इस अवसर पर विशेष रूप से मनोज मेहता, उत्तम जैन लोढ़ा, प्रेमप्रकाश कोठारी, नरेन्द्र पगारिया, राकेश मेहता, निर्मल मेहता, प्रकाश जैन आदि भी उपस्थित रहे। रात्रि 8 बजे से पुनः मंदिर में आचार्य एवं मुनिगणों द्वारा समाजजनों से धर्म-आराधना विषय पर ज्ञानवर्धन जानकारी साझा की गई। 28 फरवरी, सोमवार को अलसुबह 5 बजे श्री ऋषभदेव बावन जिनालय से आचार्यत्रय के साथ समस्त ठाणा द्वारा पारा के लिए विहार किया जाएगा। उनके विहार में बड़ी संख्या में समाजजनों से उपस्थित रहने की अपील त्रि-स्तुतिक संघ की ओर से की गई है।