गायत्री माता एवं स्फटिक महादेव को अर्पित किया अन्नकूट प्रसादी का नैवेद्य

महिलाओं ने संगीत मय भजनों की प्रस्तुति दी अन्नकूट मे  

झाबुआ । स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ कालेज मार्ग झाबुआ पर सायंकाल 7-30 बजे से आवंला नवमी के पावन अवसर पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मां गायत्री एवं स्फटिक महाकाल को अन्नकोट के नैवेद्य अर्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया । गायत्री शक्तिपीठ के पण्डित घनश्याम बैरागी ने इस अवसर पर हिन्दू पर्वो के महत्व को बताते हुए कहा कि आंवला नवमी के बारे में ऐसी मान्यता है कि इस दिन द्वापर युग का आरंभ हुआ था। कहा जाता है कि इसी दिन विष्णु भगवान ने कुष्माण्डक दैत्य को मारा था और उसके रोम से कुष्माण्ड अर्थात आवलें की बेल हुई। इसी कारण कुष्माण्ड का दान करने से उत्तम फल मिलता है। 
         इस पर्व के अवसर पर भगवान या अपने आराध्य को अन्नकूट प्रसादी का नैवेद्य अर्पित करने से कोटी प्रसादी का पूण्य प्राप्त होमता है। पण्डित बैरागी ने आंवला नवमी पर आंवला पूजन एवं विधि विधान से तुलसी का विवाह कराने से भी कन्यादान तुल्य फल मिलता है। गायत्री शक्तिपीठ पर इस आयोजन के पूर्व मां गायत्री एवं भगवान स्फटिक महाकाल की महा आरती की गई । गायत्री परिवार की महिलाओं ने श्रीमती नलिनी बैरागी के नेतृत्व में युग संगीत एवं भजन कीर्तन का आयोजन किया ।
          इस अवसर पर श्रीमती मनोरमा डावर, विजिय बजाज, हरिप्रिया पाठक, किरण निगम, गायत्री सांवला, अर्चना राठौर, निर्मला गोयल,पार्वति लश्करे , ललिता वर्मा, शिवकुमारी सोनी, सुलोचना चौहान आदि महिलाओं ने भजन कीर्तन के कार्यक्रम में सभागिता की । गायत्री मंदिर में मां गायत्री एवं स्फटिक महादेव अन्नकूट प्रसादी का नैवेद्य अर्पित किया गया तथा सामुहिक भोजन प्रसादी का आयोजन किया गया जिसमे बडी संख्या में श्रद्धाल्रुओं ने अन्नकूट भोजन प्रसादी ग्रहण की । इस कार्यक्रम को र्सफल बनाने में विशेष सहयोग घनश्याम बैरागी, जीतसिंह भूरिया, प्रकाश डावर, सुरेश निगम का रहा । 
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