कलेक्टर आशीष सक्सेना ने विकलांग रिना को उपलब्ध करवाई ट्रायसिकल

राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रतिनिधी प्रदेषाध्यक्ष श्री कुमट ने कलेक्टर आशीष सक्सेना को विकलांग रीना को आगे पढाने की इच्छा को बताते हुए उक्त समस्या से अवगत करवाया.

ट्रायसिकल से अब सुरक्षित स्कूल पहुंच पाएगी रिना 

झाबुआ। जिले की ग्राम पंचायत बखतपुरा अंतर्गत आने वाले ग्राम बोरिया की गरीब परिवार की लाड़ली लक्ष्मी रीना मेड़ा, जो दोनो पैरो से विकलांग है, उसके सपने अब धरातल स्थल पर धीरे-धीरे सच होने लगे है। राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रयासों से रीना जहां पैरों एवं शरीर के अन्य अंगों में घांव-सूजन आने के बाद जिला चिकित्सालय में उपचार के बाद स्वस्थ होकर अपने घर लौट आई है। इसी क्रम में आयोग की टीम ने मंगलवार को बालिका को स्कूल जाने के लिए जिला प्रषासन के सहयोग से ट्रायसिकल भी उपलब्ध करवा दी है। जिससे स्कूल जाते समय एवं गांव में घूमते समय इस लाडली बिटियां के पैरों में रगड़न नहीं आने से सूजन एवं घांव भी नहीं होगा। 
              आयोग की टीम के प्रयासों से ही रीना जिला चिकित्सालय में उपचार के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद बालिका ने आयोग के प्रतिनिधी प्रदेषाध्यक्ष मनीष कुमट से मांग रखी थी की वह कक्षा पांचवी तक तो गांव में ही शासकीय स्कूल होने से पढ़ चुकी है। आगे पढने हेतु गांव से दो किमी दूरी पर स्थित झकनावदा स्कूल पर जाना पढता है, विकलांगता के कारण वह इतनी दूर जाने में असक्षम है। इसके साथ ही उसका अन्य बच्चों के साथ खेलने का भी मन होता है। 
ट्रायसिकल दिलवाई गई
पश्चात् राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रतिनिधी प्रदेषाध्यक्ष श्री कुमट ने कलेक्टर आशीष सक्सेना को विकलांग रीना को आगे पढाने की इच्छा को बताते हुए उक्त समस्या से अवगत करवाया। कलेक्टर श्री सक्सेना ने इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए उनके निर्देष पर प्रशासन द्वारा ट्रायसिकल उपलब्ध करवाई गई। जिसके बाद मंगलवार को सुबह आयोग टीम ने रीना के घर पहुंचकर रीना को ट्रायसिकल भेंट की। इस अवसर पर आयोग टीम ने रिना से कहा कि अब आप षिक्षा के क्षैत्र में अग्रसर हो और किसी भी प्रकार की म्दद की जरूरत हो तो आप हमारी मद्द मांगे। हमारी संस्था हर समय गरीब परिवारों के लोगों की मद्द के लिए तत्त्पर है। साथ ही आयोग की टीम ने कलेक्टर श्री सक्सेना का भी विषेष सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
ग्राम पंचायत का इस ओर ध्यान नही गया
ट्रायसिकल प्रदान करने के दौरान बोरिया निवासी ग्रामीण श्री पारगी ने आयोग को बताया की यह कार्य चाहती तो ग्राम पंचायत एवं वरिष्ठ अधिकारी भी कब से कर सकते थे, लेकिन अवगत करवाने के बाद भी इस ओर किसी का ध्यान आकर्षित नहीं गया। रीना कक्षा 5 वी पास करने के बाद आगे कैसे पढेगी, यह कहकर जवाबदारो को ट्रायसिकल के लिये कई बार अवगत करवाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आयोग के इस कार्य की उन्होंने सरहाना की।
इनका रहा सराहनीय सहयोग
रीना की संपूर्ण मद्द में आयोग के पदाधिकारी श्री कुमट के साथ किर्तीष जैन, पवन नाहर, निलेश भानपुरिया, श्वेता जैन, निलेश परमार, प्रवीण बैरागी, जमनालाल चौधरी, विजय पटेल, उत्तम गेहलोत, गोपाल विष्वकर्मा, समाजसेवी आशीष भांगु, नरेन्द्र राठौड़ शुभम कोटड़िया, मनीष मेड़ा, गजरी आदि का सराहनीय सहयोग रहा। इस दौरान इन पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से बालिका को भविष्य में अन्य हर संभव मद्द दिलवाने की भी जिम्मेदारी ली। 

कलेक्टर आशीष सक्सेना ने विकलांग रिना को उपलब्ध करवाई ट्रायसिकल

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