अभ्यर्थी को नामांकन के कम से कम एक दिन पहले खोलना होगा पृथक बैंक खाता

अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय आवास संबंधी देयताओं की जानकारी फार्म-26 के भाग-अ के बिन्दु क्रमांक-8 में दी जा सकेगी।
झाबुआ। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन व्यय का सही-सही लेखा रखने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी को एक अलग बैंक खाता खोलना होगा। अभ्यर्थी यह बैंक खाता नाम-निर्देशन पत्र दाखिल करने के कम से कम एक दिन पहले अनिवार्य रूप से खोलना होगा और नामांकन दाखिल करते समय इस बैंक खाते की खाता संख्या संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को लिखित में देना होगी। आयोग के मुताबिक यदि अभ्यर्थी ने बैंक खाता नहीं खोला है अथवा बैंक खाता संख्या की सूचना नहीं दी है तो रिटर्निंग अधिकारी आयोग के अनुदेशों का अनुपालन करने के लिए ऐसे प्रत्येक अभ्यर्थी को नोटिस जारी करेंगे । 
    निर्वाचन आयोग के निर्देशों में कहा गया है कि निर्वाचन व्यय के उद्देश्य से बैंक खाता या तो अभ्यर्थी के नाम से या उसके निर्वाचन अभिकत्र्ता के साथ संयुक्त नाम से खोला जा सकता है । लेकिन यह बैंक खाता अभ्यर्थी के परिवार के किसी सदस्य या ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त नाम से नहीं खोला जा सकेगा जो अभ्यर्थी का निर्वाचन अभिकत्र्ता नहीं है। निर्वाचन व्यय के लिए खोला जाने वाला खाता अभ्यर्थी द्वारा राज्य में कहीं भी खोला जा सकेगा। खाता राष्ट्रीयकृत, निजी अथवा सहकारी बैंक या डाकघरों में भी खोला जा सकता है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थी के विद्यमान खाते का उपयोग निर्वाचन व्यय के प्रयोजन के लिए नहीं किया जा सकेगा। निर्वाचन व्यय के प्रयोजन के उद्देश्य से उसे पृथक से बैंक खाता खोलना ही होगा । 
    निर्वाचन आयोग ने निर्देशों में कहा है कि अभ्यर्थी द्वारा सभी निर्वाचन व्यय पृथक से खोले गये बैंक खाते से ही किये जायेंगे। अभ्यर्थी को निर्वाचन कार्यों पर उपगत किये जाने वाले सभी व्यय अभ्यर्थी की अपनी निधि सहित, निधि का स्त्रोत चाहे जो भी हो इस बैंक खाते में ही डालना होगा । अभ्यर्थी चाहे तो आयोग द्वारा तय की गई चुनाव खर्च की सीमा के बराबर पूरी राशि एक साथ इस बैंक खाते में जमा कर सकता है । 
   आयोग के मुताबिक अभ्यर्थी अपने निर्वाचन व्ययों का भुगतान निर्वाचन के उद्देश्य से खोले गये खाते से रेखांकित एकाउंट पेई चेक या ड्राफ्ट अथवा आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से ही कर सकता है। अभ्यर्थी द्वारा पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति अथवा फर्म को व्यय के किसी मद के लिए अदा की जाने वाली रकम 10 हजार रूपये से अधिक नहीं है तो ऐसे व्यय का भुगतान वह नगद राशि के रूप में भी कर सकेगा। लेकिन उसे इस राशि का भुगतान भी निर्वाचन व्यय के उद्देश्य से पृथक से खोले गये बैंक खाते से निकालने के बाद ही किया जा सकेगा। 
 आयोग ने कहा है कि अभ्यर्थी द्वारा निर्वाचन के परिणामों की घोषणा के तीस दिनों की अवधि के भीतर दाखिल किये जाने वाले निर्वाचन व्यय लेखे के साथ इस बैंक खाते की विवरणी की स्व-प्रमाणित प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी। निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नामांकन से पहले यदि अलग से बैंक खाता नहीं खोला गया है या बिना इस बैंक खाते में जमा किये कोई अन्य राशि खर्च की गई है तो यह माना जायेगा कि अभ्यर्थी ने अपेक्षित रीति के अनुसार खाते का रखरखाव नहीं किया है।

चुनाव के प्रत्येक पेम्पलेट या पोस्टर पर मुद्रक तथा प्रकाशक का नाम तथा पता अंकित होना अनिवार्य है-कलेक्टर       

  कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव से संबंधित प्रचार प्रसार के लिये अभ्यर्थी/राजनैतिक दल द्वारा प्रिंट करवाये जाने वाले प्रत्येक पेम्पलेट या पोस्टर पर मुद्रक तथा प्रकाशक का नाम तथा पता अंकित होना अनिवार्य है तथा दस्तावेज के छापने के पष्चात यथोचित समय मे इसकी एक प्रति जिसमे प्रकाशक की पहचान की घोषणा हो। दस्तावेज की प्रतिलिपि के साथ राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी या जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहां यह छापा हो, उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। कोई भी व्यक्ति कोई भी ऐसी चुनावी पेम्पलेट या पोस्टर जिस पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम नही हो, ना तो प्रकाशित कर सकता है, ना ही मुद्रण और प्रकाशन का कारण बन सकता है। यदि इस प्रावधान का उल्लंघन होता है तो यह दंडनीय होगा जो कि छः माह तक की जेल एवं 2500 रूपये तक के अर्थदंड से दंडित किया जाएगा अथवा दोनो से दंडनीय होगा। 

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शासकीय आवास का बकाया संबंधी जानकारी देने अलग से नहीं देना होगा शपथ पत्र

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अभ्यर्थियों को आवास संबंधी देयताओं की जानकारी देने के लिए नामांकन पत्र के साथ अब अलग से शपथ पत्र नहीं प्रस्तुत करना होगा। निर्वाचन आयोग ने इस बारे में शपथ पत्र में दी जाने वाली जानकारी को फार्म-26 में ही समाहित कर दिया है। अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय आवास संबंधी देयताओं की जानकारी फार्म-26 के भाग-अ के बिन्दु क्रमांक-8 में दी जा सकेगी। 

प्रत्याशियों को देना होगी सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी

      लोकसभा निर्वाचन में उम्मीदवारों को अपना नामांकन पत्र भरते समय अधिकृत सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी भी देनी होगी। उन्हें फार्म-26 भरना आवश्यक है। 

उडन दस्ते, रिष्वत देने और लेने वालो दोनो के विरूद्ध मामले दर्ज करने के संबंध मे स्थानीय भाषा मे उद्घोषणा करेंगे- कलेक्टर

    कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा ने बताया कि प्रत्येक उडन दस्ता अपने वाहन पर लगाई गई सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से अपने क्षेत्राधिकार मे स्थानीय भाषा मे उद्घोषणा करेगे कि भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ख के अनुसार कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने के लिये उत्प्रेरित करने के उद्देष्य से नकद या वस्तु रूप मे कोई पारितोष देता है, या लेता है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनो से दंडनीय होगा। इसके अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता की धारा 171 ग के अनुसार जो कोई व्यक्ति किसी अभ्यर्थी या निर्वाचक, या किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट लगाने की धमकी देता है वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनो से दंडनीय होगा। उडन दस्ते, रिष्वत देने वालो और लेने वालो दोनो के विरूद्ध मामले दर्ज करने के लिये और ऐसे लोगो के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये गठित किये गये है जो निर्वाचको को डराने और धमकाने मे लिप्त है। सभी नागरिको से एतदद्वारा अनुरोध किया गया है कि वे कोई रिष्वत लेने से परहेज करे और यदि कोई व्यक्ति कोई रिष्वत की पेषकष करता है या उसे रिष्वत और निर्वाचको को डराने/धमकाने के मामलो की जानकारी है तो उन्हे षिकायत प्राप्त करने के प्रकोष्ठ के टोल फ्री नंबर 07392-244193 एवं 1950 पर सूचित करे।

चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र के जरिये व¨ट डाल सकेंगे कर्मचारी

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव डयूटी पर तैनात अमले के मतदान की सुविधा प्रदान किये जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। चुनाव डयूटी पर तैनात वे सभी लोग जो  उस स्थान पर मतदान नहीं कर सकते जहाँ मतदाता सूची में उनके नाम दर्ज हैं, उन्हें डाक मत पत्र अथवा चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र/ईडीसी (इलेक्शन डयूटी सर्टिफिकेट) के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जायेगी। यदि किसी कर्मचारी की चुनाव डयूटी उसी चुनाव क्षेत्र में लगती है जहाँ का वह मतदाता है त¨ उसे चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जायेगी। इस सुविधा से वह चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र के माध्यम से उसी मतदान केन्द्र में मतदान कर सकेंगे जहाँ उन्हें डयूटी के लिये तैनात किया गया है। यदि किसी कर्मचारी की चुनाव डयूटी उस चुनाव क्षेत्र में लगती है जहाँ का वह मतदाता नहीं है त¨ उसे डाक मत पत्र के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जायेगी। 
      मतदान दलों में शामिल सभी कर्मचारी सेक्टर ऑफिसर, जर्नल  ऑफिसर, रिटर्निंग ऑफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग आफिसर, डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर, डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर, कंट्रोल  रूम एवं चुनाव संबंधी कार्य में तैनात सभी कर्मचारी, सभी पुलिसकर्मी, होमगार्ड, चुनाव डयूटी में संलग्न सभी वाहनो के ड्रायवर, क्लीनर, हेल्पर इस सुविधा के पात्र होंगे। यदि वे चुनाव डयूटी के कारण उस मतदान केन्द्र में मतदान नहीं कर सकते जहाँ मतदाता सूची में उनके नाम दर्ज हैं त¨ उन्हें डाक मत पत्र अथवा चुनाव डयूटी प्रमाण-पत्र के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जायेगी। 
          डाकमत पत्र सुविधा का लाभ निर्वाचन कार्य में संलग्न कर्मचारी उन्हे दिये जाने वाले प्रथम दौर के प्रशिक्षण के दौरान निर्धारित प्रपत्र में आवेदन भरकर उठा सकते है। साथ ही वे दिये गये निर्धारित प्रपत्र में वोटिंग कर उसे द्वितीय प्रशिक्षण के दौरान बनाये गये सुविधा केन्द्र का उपयोग करते हुए अपना मत अंकित करते हुए संबंधित लिफाफे को रखे गये सुविधा बाक्स में डाल सकते है या इन्हे डाकघर के माध्यम से भी भेज सकते है। मतगणना के दिन तक प्राप्त प्रत्येक डाक मतपत्र को गणना में सम्मिलित किया जायेगा। 

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