जयश्री ने उज्जैन पहुंचकर अपने पिताजी की अंत्येष्टि कर निभाया बेटे का फर्ज

स्व. मोतीलाजी के भी पुत्र नहीं होने से पुत्री ने पिता के मरणोपरांत अंत्येष्टि क्रिया विधि-विधानपूर्वक करवाई।
झाबुआ। जिले के ग्राम झकनावदा मे रहने वाली कु. जयश्री लछेटा के पिता श्री मोतीलालजी लछेटा का देवलोकगमन गत 2 जून, रविवार को हो गया था। स्व. मोतीलालजी के पुत्र नहीं होने पर पुत्री जयश्री ने महांकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्राजी नदी  किनारे जाकर अपने पिता की अंत्येष्टि क्रिया करवाई और एक बेटे का फर्ज अदा किया। प्रायः यह देखा जाता है कि जिस परिवार में माता-पिता का बेटा नही होता, उनके देवलोकगमन होने पर बेटियां ही अपने स्व. माता-पिता का अंतिम संस्कार की संपूर्ण क्रियाएं पूर्ण करती है। स्व. मोतीलाजी के भी पुत्र नहीं होने से पुत्री ने पिता के मरणोपरांत अंत्येष्टि क्रिया विधि-विधानपूर्वक करवाई। जयश्री के इस अदम्य साहस की झकनावदावासियों ने सराहना की।

जयश्री ने उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट किनारे अपने पिता की विधिपूर्वक अंत्येष्टि करवाई




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