सकल व्यापारी संघ महिला इकाई ने ‘जल ना जाए जल’ विषय पर किया संगोष्ठी का आयोजन

इतिहासकार डॉ. केके त्रिवेदी ने शहर के बहादुर सागर तालाब, छोटा तालाब एवं मेहताजी तालाब के अतीत के बारे में बताया कि यह तालाब ऐतिहासिक समय के होकर आज पूरी तरह से गंदगी एवं दुर्दशा के शिकार है.

एक व्यक्ति एक साल में 11 लाख 68 हजार लीटर एवं झाबुआवासी एक वर्ष में 58 अरब, 40 करोड़ लीटर पानी करते है खर्च -ः पद्मश्री शिवगंगा प्रमुख महेश शर्मा

झाबुआ। झाबुआवासियां को यह जानकर आष्चर्य होगा कि शहर का प्रति व्यक्ति एक साल में 11 लाख 68 हजार लीटर पानी की इस्तेमाल करता है और पूरे झाबुआवासी, जिनकी संख्या करीब 60 हजार है, एक साल में 58 अरब 40 करोड़ लीटर पानी का उपयोग करते है। ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्र के लोग जल का अधिक इस्तेमाल करते हे। जिसमें दैनिक दिनचर्या के अलावा कई सौ गैलन पानी व्यर्थ बहाया जाता है, तो क्या हम इस बेशकिमती पानी में से बचत नहीं कर सकते हे। षिवगंगा ने जल, जंगल एवं जमीन को बचाने हेतु मय-समय पर विशेष अभियान संचालित किए है, जिसमें शहर की अन्य सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं और नागरिकों की भी सहभागिता रहीं है।
उक्त जानकारी सकल व्यापारी संघ महिला इकाई झाबुआ द्वारा स्थानीय पैलेस गार्डन पर ‘जल ना जाएं जल’  विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पद्मश्री शिवगंगा के प्रमुख महेश शर्मा ने अपने संबोधन में दी। पद्मश्री महेश शर्मा ने सर्वप्रथम सकल व्यापारी संघ महिला इकाई की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज उन्होंन जल जैसे ज्वलंत मुद्दे पर संगोष्ठी आयोजित की। जल बचाव में मातृ शक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, क्योकि गृहस्थ कार्य वे ही करती है और गृहस्थ कार्यों में वे पानी की काफी बचत कर सकती है। महेष शर्मा ने बताया कि षिवगंगा ने जल संग्रहण के लिए समय-समय शिवजी का हलमा और मातानुवन जैसे कार्यक्रम कर जलसंग्रहण के भागीरथी प्रयास किए है। श्री शर्मा ने कहा कि हमे आज कहीं ओर जल स्त्रोतों से जल संग्रहण करने की आवष्यकता नहीं है, बल्कि हम छोटे-छोट उपाय कर ही जल की भारी मात्रा में बचत कर सकते है। पद्मश्री ने शहर से सटी हाथीपावा पहाड़ियों का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय था जब हाथीपावा की पहाड़ियां अस्तित्वविहीन थी, लेकिन शासन-प्रशासन और शहर के तमाम लोगों के प्रयासों से आज यह हरी-भरी हो गई है। आज हाथीपावा झाबुआ का गौरव बन चुका है एवं वरदान साबित हो रहा है।
जल बचाने की शुरूआत अपने घरों से करना होगी
संगोष्ठी में वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. केके त्रिवेदी ने शहर के बहादुर सागर तालाब, छोटा तालाब एवं मेहताजी तालाब के अतीत के बारे में बताया कि यह तालाब ऐतिहासिक समय के होकर आज पूरी तरह से गंदगी एवं दुर्दशा के शिकार है, जिसका कारण स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के साथ नागरिकों की भी उदासीनता है। आज हम इनके पानी का उपयोग हम पेयजल के रूप में नहीं कर पा रहे है। वहीं शहर में स्थित ऐतिहासिक समय की बावड़ियां भी गाद और गिट्टी से भर चुकी है। हैंडपंपों और कुवो में जलस्तर निम्न  हो गया है। इस कारण झाबुआ शहर को प्रतिवर्ष ग्रीष्मकाल में भीषण जल संकट से जूझना पड़ता है। जिला दहेज सलाहकार बोर्ड (डीपीए) के अध्यक्ष एवं जिला बाल कल्याण समिति के वरिष्ठ सदस्य यशवंत भंडारी ने कहा कि शहर में जल संकट लंबे समय से है। यह विषय काफी गंभीर है। इस हेतु हम सभी जिम्मेदार है, जल संग्रहण को लेकर धरातल स्थल पर प्रयास नहीं किए जाते है। आज वाटर हार्वेस्टींग की व्यवस्था नहीं है। श्री भंडारी ने कहा कि हमे जल बचाने की शुरूआत अपने घरों से करना होगी।
गर्मी और ठंड के सीजन में नदियां रहती है सूखी
परहित जन सेवा संस्था की अध्यक्ष श्रीमती अर्चना राठौर ने कहा कि हम पानी उतना ही ले, जितनी जरूरत हो, प्रायः यह देखने में आता है, हम जब भी बाहर जाते है, तो ग्लास में भरकर पूरा जल दिया जाता है, लेकिन हम इसमें से बचत कर जितना पानी हमे पीना हो, उतना ही ग्लास में ले, इस तरह से कर जल बचा सकते है। बीएसएनएल एम्प्लाईज यूनियन के सचिव शरत शास्त्री ने बताया कि अगर हम आज से 20 साल आगे की योजना बनाते है, तो पता चलता है कि वर्ष 2040-41 में जल का नामो-निशान नहीं रहेगा। आज हमारे झाबुआ जिले में 10 नदियां है, जो वर्षाकाल में तो बारिश के पानी से भर जाती है, लेकिन गर्मी और ठंड के सीजन में पूरी तरह सूखी रहती है, जिसका कारण इनका गहरीकरण नहीं होना है। 
महिलाएं अपने घरों पर कर सकती है जल की बचत
सकल व्यापारी सचिव पंकज जैन ‘मोगरा’ ने कहा कि हम छोटे-छोटे प्रयासों से जल की बचत कर सकते है, बर्षत हमे सजग और जागरूक होना होगा। गायत्री परिवार कॉलेज मार्ग की श्रीमती नलिनी बैरागी ने बताया कि जल को लेकर आज मातृ शक्ति को जागृत होना होगा। हम अपने घरों पर आवष्यकतानुसार ही पानी ले। अनावष्यक पानी वेस्ट ना करे। रोटरी क्लब आजाद से उपस्थित संजय कांठी ने बताया कि जल से उनका नाता वर्षों पुराना है। आज से करीब 30 साल पहले जलस्त्रोतों में जल का स्तर भी अधिक था, जो लगातार कम होता जा रहा है। उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर जोर देते हुए इस संबंध में अपना प्लान भी प्रस्तुत किया।
केंद्र सरकार ने अलग से बनाया जल मंत्रालय
मप्र उपभोक्ता फोरम की सदस्य श्रीमती किरण शर्मा ने बताया कि जिस तरह केरल राज्य में प्लॉट लेने पर वहां वृक्षारोपण कार्य पहले किया जाता है, उसी तरीके को हमे यहां भी अपनाना होगा। साथ ही उन्होंने छोटे-छोटे तरीकों से भी जल की बचत करने के उपाय बताएं। केशव इंटरनेशनल स्कूल के संचालक ओम शर्मा ने कहा देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में प्रथम बार अलग से जल मंत्रालय बनाया है। शर्मा ने बताया कि उनकी स्कूल के बच्चों द्वारा पिछले दिनों वर्षाकाल में जल संग्रहण के लिए हाथीपावा की हवा डूंगरी पर चेक डेम का निर्माण अपने हाथों से भागीरथी प्रयास किए है। गायत्री परिवार बसंत कॉलोनी के विनोदकुमार जायसवाल ने कहा कि जल बचाने हेतु सभी सामूहिक संकल्प ले। 
सभी संस्थाओं को एकजुट होकर कार्य करना होगा
ब्राहम्ण समाज से अजय रामावत ने जल बचाव एवं जल संग्रहण हेतु सभी के संयुक्त प्रयास पर जोर दिया एवं कहा कि शासन-प्रशासन तो इस क्षेत्र में काम कर रहा है, लेकिन हमे भी सभी संस्थाओं को एकजुट होकर कार्य करना होगा। मनोज जैन ‘मनोकामना’ ने बताया कि जिले से गुजरने वाली नदियों के समीप यदि बोरिंग खनन कर दिया जाए, तो ऐसा कर नदियों का पानी जमीन में उतारने का कार्य किया जा सकता है। व्याख्याता एमके खुराना ने जल पर सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। जय बजरंग व्यायाम शाला के सुशील वाजपेयी ने भी जल संग्रहण हेतु सभी द्वारा मिलकर प्रयास करने पर जोर दिया। अंत में सभी ने जल बचाने का सामूहिक संकल्प भी लिया। संकल्प सकल व्यापारी संघ सचिव पंकज जैन ‘मोगरा’ ने दिलवाया।
पद्मश्री का किया अभिनंदन 
संगोष्ठी बाद शिवगंगा प्रमुख पद्मश्री महेश शर्मा का सकल व्यापारी संघ महिला इकाई की ओर से अध्यक्ष भूमिका माहेष्वरी, सचिव नेहा संघवी, वरिष्ठ संरक्षक कुंता सोनी, मंजुला शाह सहित अन्य पदाधिकारियों में नमिता कोठारी, कल्पना सिसौदिया, कल्पना सकलेचा, बेला कटलाना, अर्चना सिसौदिया, सोनिका सिसौदिया, भारती राठौर, ओम श्री सेंगर, पद्मा खंडेलवाल आदि ने शाल ओढ़ाकर-श्रीफल भेंटकर एवं अभिनंदन-पत्र प्रदान कर भावभरा सम्मान किया। अभिनंदन-पत्र का वाचन प्रियाणी त्रिवेदी ने किया। 
बेंच का किया विमोचन
वहीं इससे पूर्व सकल व्यापारी संघ महिला इकाई के बेंच (लोगों) का विमोचन मुख्य अतिथि महेश शर्मा के साथ महिला इकाई की पदाधिकारियों ने मिलकर किया। बाद महिला पदाधिकारियां एवं सदस्यों ने एक-दूसरे को बेंच भी लगाएं। संगोष्ठी के प्रारंभ में भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन महेष शर्मा, संरक्षक कुंता सोनी, मंजुला शाह, अध्यक्ष भूमिका माहेष्वरी ने किया। अतिथियों का स्वागत बाद स्वागत उद्बोधन कुंता सोनी ने दिया।
करीब डेढ़ घंटे चली संगोष्ठी
यह संगोष्ठी करीब डेढ़ घंटे तक चली। इस अवसर पर सकल व्यापारी संघ से सह-सचिव हरिश शाह लालाभाई, हार्दिक अरोरा, शिवगंगा से राजेश मेहता, पंकज मेहता, उल्लास जैन, इन्हरव्हील क्लब ऑफ झाबुआ शक्ति से अध्यक्ष शीतल जादौन, सचिव ऋ़तु सोडानी, गायत्री परिवार से किरण निगम, रोटरेक्ट क्लब से अध्यक्ष रिंकू रूनवाल, सचिव दौलत गोलानी, बचपन बचाओ आंदोलन से रवि बारिया, बाल अधिकार मंच से सचिन बामनिया, रोटरी क्लब आजाद से अजय शर्मा आदि उपस्थित थे। संचालन सकल व्यापारी संघ महिला इकाई सचिव नेहा संघवी ने दिया एवं अंत में आभार शैफाली श्रीमाल ने माना।

Jhabua News- सकल व्यापारी संघ महिला इकाई ने ‘जल ना जाए जल’ विषय पर किया संगोष्ठी का आयोजन

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