वोट बैंक को खुश करने कांग्रेस ने होने दिया मुस्लिम बहनों पर जुल्म - जिला अध्यक्ष शर्मा
इस बिल में बिना वारंट गिरफ्तारी, तीन साल की सजा,महिला की सहमति से आरोपी की जमानत,पीड़ित महिला की अपील पर समझौते, गुजारा भत्ता दिया जाने तथा अवयस्क बच्चों की कस्टडी महिला को दिये जाने के प्रावधान हैं।
जिला महिला मोर्चा ने तीन तलाक बिल पारित होने पर दिया प्रधानमंत्री, सांसदों को धन्यवाद
झाबुआ। तीन तलाक का मामला आज का मामला नहीं है, यह 1986 से चल रहा है। शाहबानो से सायरा बानो तक इस मामले ने कई पड़ाव देखे हैं। 1986 में शाहबानो प्रकरण उठा था। कांग्रेस के पास 4 सौ से ज्यादा सांसद थे,पूर्ण बहुमत की सरकार थी। अगर कांग्रेस उसी समय मुस्लिम बहनों को इस अन्याय से मुक्ति दिला देती, तो उसे आज ये दिन नहीं देखना पड़ते। लेकिन कांग्रेस नहीं संभली और अपने वोट बैंक को खुश करने के चक्कर में उसने मुस्लिम बहनों पर यह जुल्म होने दिया। इसीलिए 1986 के बाद फिर कभी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला।

तीन तलाक का सवाल न तो सियासत का था,न इबादत का बल्कि यह नारी न्याय के सम्मान का था - आरती भानपुरिया

महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती भानपुरिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लिए तीन तलाक का सवाल न तो सियासत का था,न इबादत का बल्कि यह नारी न्याय,नारी गरिमा,नारी सम्मान और नारी समानता का सवाल था,इंसान और इंसानियत का सवाल था।
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