मल्टी बनाने उखाड़ डाला दशकों पुराना पीपल का पेड़

मंदिर एवं भक्त मंडल से जुड़े भक्त दबे शब्दों में इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं एवं कालोनी के रहवासियों में इस घटना को लेकर काफी रोष व्याप्त है..

10 दिनों से पानी को तरस रहे गोपाल कालोनी के रहवासी 

झाबुआ। स्थानीय गोपाल कॉलोनी अपने आप में एक बहुत अधिक धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व का स्थान है यहां पर भगवान गोपाल प्रभु का मंदिर स्थित है जिसमें प्रतिवर्ष देशभर से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं मामला है गोपाल कॉलोनी के रहवासियों की धार्मिक भावनाएं आहत होने का गोपाल मंदिर के ठीक बाहर लगभग 50 मीटर की दूरी पर दशकों पुराना अति प्राचीन एवं पूजनीय पीपल का पेड़ था दशा माता की पूजा के दिन गोपाल कॉलोनी के साथ ही शहर के विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु महिलाएं यहाँ पूजा करने आती थी। पीढ़ी दर पीढ़ी जिस वृक्ष की महिलाओ ने पूजा की थी एक दिन अचानक अज्ञात कारणों से इस वृक्ष को उखड दिया गया , किसी को कुछ समझ आता उसके पहले उक्त वृक्ष का नामो निशान यहाँ से मिटा दिया गया।  घटना को लेकर बुजुर्गों जिन्होंने अपना बचपन इस वृक्ष की छांव में गुजारा था जिन्होंने अपने माता, दादा- दादी को इस पेड़ की पूजा करते देखा था उनके दिल जैसे बैठ गए। बुजुर्गो को इस घटना से ज्यादा ठेस जब पहुंची जब गोपाल कालोनी के रहवासियों में से  किसी ने भी किसी भी प्रकार की आपत्ति दर्ज नहीं करवाई। मंदिर एवं भक्त मंडल से जुड़े भक्त दबे शब्दों में इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं एवं कालोनी के रहवासियों में इस घटना को लेकर काफी रोष व्याप्त है। पीपल के पेड़ का आध्यात्मिक महत्व किसी से छिपा नहीं है और इसका इस तरह से उखाड़ा जाना निश्चित तोर पर अपशगुन माना जा रहा है।  
          पीपल की जड उखड़ने के साथ साथ उखड गयी पाइप लाइन जो रहवासियों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनी हुई है।  उक्त पाइप लाइन यहाँ की बड़ी आबादी को जल प्रदाय करती थी आज लगभग 10 दिन बीत जाने के बाद भी गोपाल कालोनी के बड़े हिस्से में जल प्रदाय रुका हुआ है पीएचई और जनप्रतिनिधियों को चाहे यहां के श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं से कोई सरोकार ना हो,  देव तुल्य वृक्ष के कटने से श्रद्धालुओं के जेहन में नफरत के बीच तो पड़ ही गए है. विश्वसनीय सूत्रों से खबर ये भी है की इस पीपल के वृक्ष को उखाड़ फेकने के फरमान कांग्रेस की उस दिग्गज नेता का ही है जिनकी आँखों में ये पीपल का वृक्ष सालो से खटक रहा था। अब इस पेड़ का नामो निशान यहाँ से हटने के बाद यहाँ शानदार मल्टी बनाने की योजना है. पुरे घटनाक्रम से एक बात तो स्पष्ट है की वर्षो से गोपाल कालोनी जैसे पॉश इलाके में रहने और चुनावी सरगर्मी से भक्त मंडल से जुड़े भक्तो को अपना हितेषी बताना का इनका हत्कण्डा महज़ दिखावे से ज्यादा और कुछ नहीं है, अगर वास्तव में इनमे गोपाल कालोनी और भक्त मंडल से जुड़े लोगो के लिए थोड़ी भी सवेदना होती तो न तो आज ये पीपल वृक्ष इस तरह धराशायी होता और न ही पानी के लिए पिछले 10 दिनों से तरस रहे कालोनीवासियों का ये हाल. 

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मल्टी बनाने उखाड़ डाला दशकों पुराना पीपल का पेड़

मल्टी बनाने उखाड़ डाला दशकों पुराना पीपल का पेड़


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