झाबुआ पुलिस ने 48 घंटे में किया अंधे कत्ल का पर्दाफाश

मामला प्रथम दृष्टया हत्या का प्रतीत होने से स्वंय पुलिस अधीक्षक झाबुआ श्री आशुतोष गुप्ता द्वारा भी घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था।

 झाबुआ। दिनांक 14.11.2020 को फरियादी नानसिंह पिता मनजी सिंगाडिया निवासी छोटी बलवन को सूचना मिली की बावडी फाटा के आगे घाटी पर एक आदमी की लाश पड़ी हुई है और रोड के पास थोडी दुरी पर मोटरसाईकिल पड़ी हुई जिस पर पारसिंह सिगांडिया बलवन लिखा हुआ है। उसका भाई पारसिंह दिनांक 13.11.2020 की शाम से ही घर से निकला हुआ था जो घर वापस नहीं आया। फरियादी अपने काका के लड़के के साथ जाकर देखा तो वह लाश उसके भाई पारसिंह की ही थी। उसके सिर और मुह पर चोट होकर खुन निकला हुआ है। सुचना मिलते ही मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक झाबुआ आशुतोष गुप्ता द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झाबुआ आनंद सिंह वास्कले, थाना प्रभारी कोवताली सुरेन्द्र सिंह गाडरिया, चौकी प्रभारी पिटोल उपनिरीक्षक हिरू सिंह रावत एवं एफएसएल अधिकारी चौखारे जिला अलीराजपुर, फिंगर प्रिंट अधिकारी उनि दिलीपसिंह रावत को तत्काल घटनास्थल का निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये। घटनास्थल का बारिकी से निरीक्षण व शव परीक्षण, पंचनामे के दौरान यह देखने में आया कि मृतक की ठुड्डी पर, मुह पर, चेहरे पर चोट होकर दाहिनी ऑख के पास मे दबा हुआ एवं सिर के पीछे तरफ चोट होना व खुन निकला होना पाया गया, इससे संपूर्ण घटना संदिग्ध प्रतीत होना पाई गई। जिस पर थाना कोतवाली के मर्ग क्रं. 173/2020 धारा 174 जा.फौ. कायम कर जांच में लिया गया। पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृतक की मृत्यु सिर में आई चोटो के कारण होना लेख किया गया, जिस पर थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 1009/2020 धारा 302,201 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मामला प्रथम दृष्टया हत्या का प्रतीत होने से स्वंय पुलिस अधीक्षक झाबुआ आशुतोष गुप्ता द्वारा भी घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था।

हत्या के खुलासे के लिये टीमों का गठन 

अज्ञात कत्ल होने से इसकी तह तक पहुंचना पुलिस के लिये जरूरी था। घटनास्थल पर दो-तीन ऐसी चीजे मिली जिससे घटना संदिग्ध प्रतीत होना पाई गई। घटनास्थल पर एक लोकेट एवं चप्पल मिली थी जो कि मृतक की नहीं थी एवं संभवत: अज्ञात आरोपियों की थी जिसकी पतारासी करना बेहत आवश्यक हो गया था। घटनास्थल के निरीक्षण उपरांत अज्ञात आरोपियों द्वारा हत्या कर लाश को फेंक देने जैसी सनसनीखेज घटना को देखते हुए पुलिस अधीक्षक झाबुआ आशुतोष गुप्ता द्वारा संपूर्ण घटना को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में टीमें बनाकर संपूर्ण घटनाक्रम के खुलासे की जिम्मेदारी दी गई :

  1. एक टीम घटनास्थल के आसपास के लोगों से पूछताछ व घटनास्थल की ओर आने वाले सभी मार्गो को चेक कर सीसीटीवी फुटेज देखने हेतु लगा गया।
  2. घटनास्थल पर मिले लोकेट एवं चप्पल की तस्दीक करने हेतु एक विशेष टीम का गठन किया गया।
  3. एफएसएल की टीम को घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित करने के लिये निर्देशित किया गया।
  4. साइबर टीम द्वारा टेक्निकल इंटेलिजेंस को भी गेदर किया जाने हेतु लगाया गया।
  5. साथ ही गोपनीय रूप से आसूचना संकलन के लिए टीम को मृतक के गांव में गोपनीय सूचनाए एकत्रीत करने हेतु लगाया गया।

घटना का खुलासा 

जब सभी बिंदुओ पर बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही थी तभी मृतक के गांव से आसुचना संकलन की टीम द्वारा महत्वपूर्ण एवं चौका देने वाली सूचना दी कि रतन जो की मृतक पारसिंह का पूर्व साडू है रतन की पूर्व पत्नी जिसको छोड़ने की बात को लेकर रतन का झगड़ा उसके सास-ससुर से हो गया जिसमें सास-ससुर द्वारा रतन के साथ मारपीट की थी। उस झगड़े के कारण रतन ,मृतक पारसिंह को बैर मानता था। साथ ही साथ आरोपी रतन को यह भी पता चला था कि मृतक पारसिंह रतन की दूसरी पत्नी मुन्नी से भी बातचीत करने लगा। इसके उपरांत आरोपी रतन के गांव खेड़ी में आसुचना संकलन की टीम को एक्टीव किया गया, जिनसे सूचना मिली कि रतन घटना दिनांक से कही गायब हो गया है और रतन के चोट लगने से वह अस्पताल में ईलाज हेतु भी गया है, साथ ही साथ घटनास्थल पर मिली चप्पल रतन की ही है, जिससे पुलिस की शक की सूई रतन पर जाकर टीकी एवं लोकेट की पहचान होने पर यह लोकेट रतन के साले जो कि एक नाबालिग है उसका है।

      उक्त सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते आरोपी रतन पिता बल्लू भाभोर उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम खेड़ी को बड़ी ही सूझबूझ से पकड़कर सख्ती से पुछताछ करने पर आरोपी रतन द्वारा पुरी घटना का खुलासा कर दिया। आरोपी रतन द्वारा बताया गया कि पत्नी मुन्नी एवं साले के साथ मिलकर किसी बहाने से मृतक को बावडी फाटा के आगे घाटी पर बुलाकर वहां पर तीनों ने एक मत होकर लोहे की रॉड से मार-मार कर मृतक पारसिंह की हत्या कर दी और उसकी लाश को उसकी मोटरसाईकिल से करीब 500 मीटर दूर फेक दिया। इसके उपरांत आरोपी पत्नी मुन्नी पति रतन उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम खेडी एवं साले को भी गिरफ्तार किया गया। इस प्रकार समस्त आरोपियों को 48 घंटे में गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

सराहनीय कार्य में योगदान 

संपुर्ण घटनाक्रम का खुलासा करने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  आनंद सिंह वास्कले, थाना प्रभारी कोतवाली सुरेन्द्र सिंह गाडरिया, एफएसएल अधिकारी चौखारे जिला अलीराजपुर, फिंगर प्रिंट अधिकारी उपनिरीक्षक दिलीपसिंह, चौकी प्रभारी पिटोल हिरू सिंह रावत, प्रधान आरक्षक. 47 दिनेश, 542 ओमप्रकाश, आरक्षक 351 अंतिम, आरक्षक 556 अवनिश, आरक्षक 284 अशरफ, आरक्षक  524 मनोहर, आरक्षक गमतु, आरक्षक चा. आशीष एवं सायबर सेल से आरक्षक 98 मंगलेश,  आरक्षक552 महेश का सराहनीय योगदान रहा। उक्त सराहनीय कार्य पर पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक झाबुआ द्वारा पुरूस्कृत करने की घोषणा की।

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