एक शाम देश भक्तों के नाम" काव्य संध्या का हुआ आयोजन

हिंदी उर्दू के हस्ताक्षर डॉ. वाहिद फराज ने अपने चीर परिचित अंदाज़ में " प्यारा हिंदुस्तान ये अपना प्यारा हिंदुस्तान की प्रस्तुति दी.

झाबुआ। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के बैनर तले आजादी के महासमर में अपने प्राणों की आहुति देने वाले देश भक्तों को समर्पित "एक शाम देश भक्तों के नाम" काव्य संध्या का सफल आयोजन स्थानीय सिद्धेश्वर कालोनी मे "आदर्श विद्या मंदिर" के हाल में हुआ ।जिसमे उपस्थित कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं की प्रस्तुतियां दी । कार्यक्रम के आयोजक अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष साहित्यकार कवि भेरूसिंह चौहान "तरंग" थे । सर्वप्रथम उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार कवि गणेश उपाध्याय, डॉ.वाहिद फराज , पी. डी. रायपुरिया एवं एजाज़ नाजी धारवी ने मां सरस्वती , भारत माता व देश भक्तों के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की । सरस्वती वन्दना के साथ ही साहित्यकार पी. डी. रायपुरिया ने राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत गीत की प्रस्तुति दी । विनोद गुप्ता ने गणेश वंदना की प्रस्तुति दी । जयेंद्र वैरागी ने "सूरज से कह दो कि वह अपने घर आराम करे " , गज़लकार एजाज़ नाजी धारवी ने  मधुर स्वर में "छोड़ देता है वो तो सूरज को और शुआओ को कैद करता है " , हिंदी उर्दू के हस्ताक्षर डॉ. वाहिद फराज ने अपने चीर परिचित अंदाज़ में " प्यारा हिंदुस्तान ये अपना प्यारा हिंदुस्तान ...गीत की प्रस्तुति से देश प्रेम की भावनाओं का संचार किया । 

      पण्डित गणेश उपाध्याय ने आजादी की मशाल को प्रज्वलित करते हुए अपनी काव्य रचना " जब जली आग आजादी की भारत का जन जन डोल उठा  "वीर रस की रचना प्रस्तुत की । भेरूसिंह चौहान "तरंग" ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले पर हुई हिंसा पर दृष्टिपात करते हुए अपनी काव्य रचना के माध्यम से देशद्रोहियों को फटकार लगाते हुए वीर रस की रचना "पावन पर्व था गणतंत्र दिवस शर्मसार हुआ है देश हमारा , क्या देशद्रोही हो तुम गद्दारों किसने रचाया षड़यंत्र ये सारा " प्रस्तुत की । शरत शास्त्री ने सैनिकों का सम्मान करते हुए " सैनिकों का यदि खून बहेगा देश जरा भी नहीं सहेगा एक प्रहार हुआ तो खत्म निकट कहानी है " प्रस्तुत की । सुश्री लता देवल ने "नमस्कार करते हैं न प्रणाम करते हैं नए बच्चे है यह सत्कार कहां करते हैं " कुलदीप सिंह पवांर  ने बचपन की यादों को ताज़ा करते हुए चुनिंदा मुक्तक , तुषार राठौर ने भी छंदों की प्रस्तुति दी । आदर्श विद्या मंदिर के संस्थापक सुरेशचन्द्र जैन व शांति रत्न जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम का सफल संचालन  शरत शास्त्री एवं आभार व्यक्त किया सुश्री लता देवल ने ।

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