उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने स्व.श्री कन्हैयालाल वैद्य की प्रतिमा का अनावरण किया

डाॅ. यादव ने कहा कि 1947 में देश आजाद हुआ। लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति के बाद शिक्षा पद्धति में बदलाव नहीं हुआ यह हमारे लिए दुर्भाग्य की बाद है।

झाबुआ। प्रदेश में उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव द्वारा सोमवार को झाबुआ जिले के थांदला में स्थित मामा बालेश्वर दयाल एक्यूप्रेशर उद्यान में प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रखर पत्रकार श्री कन्हैयालाल वैद्य की 113 वीं जन्म जयंति वर्ष के अवसर पर आयोजित प्रतिमा अनावरण एवं व्याख्यान माला कार्यक्रम का माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। डाॅ. यादव ने इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्व. श्री वैद्य द्वारा भारत की आजादी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनको हमेशा याद किया जावेगा। उन्होने देश की आजादी के लिए अपना तन, मन, धन न्यौछावर कर दिया। डाॅ. यादव ने कहा कि स्व. श्री वैद्य की प्रतिमा स्थापित होने के साथ ही प्रतिमा में प्राण आने वाली है। इस मुर्ती से आने वाली पढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। डाॅ. यादव ने इस अच्छे आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी। 

डाॅ. यादव ने कहा कि 1947 में देश आजाद हुआ। लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति के बाद शिक्षा पद्धति में बदलाव नहीं हुआ यह हमारे लिए दुर्भाग्य की बाद है। वर्ष 1968 तथा 1986 में शिक्षा नीति आई। दोनों शिक्षा पद्धति में युवाओं के लिए रोजगार प्रदान करने वाली नहीं है। डाॅ. यादव ने कहा कि प्रशन्ता इस बात की है कि यह वर्तमान शिक्षा नीति  3 से 4 साल मंथन करने के बाद यह शिक्षा नीति आई है। 5 वीं कक्षा में आते ही बच्चे को अपनी आजीविका की दिशा का पता चल जाएगा। आने वाले समय में हमारीे शिक्षा का परिदृश्य दिखाई देगा। इसके लिए 4 वर्ष की डिग्री दी जावेगी। इसके बाद अगर विद्यार्थी पढ़ना चाहे तो पहले साल उसको सर्टिफिकेट बटेगा। दूसरे साल उसको डिप्लोमा दे दिया जाएगा। अगर तीसरे साल पढ़ता है तो उसे डिग्री दे दी जावेगी और अगर चार साल पढ़ता है तो उसे शोध करने की डिग्री देंगे और तो ही उसकी डिग्री मानी जाएगी। हमारा प्रयास अनावश्यक भिड़ को खतम करना है। पहले जो विश्व विद्यालय के नाम पर शिक्षा पढ़ाने के संस्थान बन गए है। इन संस्थाओं को सुधारने के लिए आने वाले समय में वर्ष 2033 के बाद कोई विश्व विद्यालय नहीं रहेंगे। सभी महाविद्यालय विश्व विद्यालय में बदल जाएगें। यह अपने शोध कर सकेंग तथा अपनी परीक्षाएं करा सकंेगे। यह अपने बच्चों का सब प्रकार से ख्याल रख सकेंगे- जैसे बागवानी, मुर्गी पालन, मछली पालन इत्यादि।

    डाॅ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में 1500 के आस पास काॅलेज है। 30 काॅलेजों को कोरोना काल में मान्यता दिलवाई है और ऐसे कोर्स चलाने के लिए कहा गया है। जिसमें 20 प्रतिशत बच्चों को अपना रोजगार चलाने के लिए गुंजाईश हो आज इसी बात की आवश्यकता है। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में इस तरह का अच्छा माहोल बनेगा। जिले स्तर पर भी यह बात चल रही है कि यह शिक्षा नीति है वह सबके लिए लाभदायक होना चाहिए। युवाओं को मार्गदर्शन करने वाली होना चाहिए। उन्होने अवगत कराया कि वर्ष 2023 तक तीन साल के अंदर 200 काॅलेज  माॅडल बनाए जाएगें।  जिसमें सभी प्रकार की अच्छी व्यवस्थाएं, अच्छे भवन, लाइब्रेरी, खेल का मैदान, सभी उपकरण उपलब्ध होंगे। पूरी दुनिया की नजर भारत तरफ है। हमको शिक्षा नीति में आवश्यक बदलाव करने की आवश्यकता पडे़गी।  उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. यादव ने साप्ताहिक समाचार पत्र ‘‘थीम‘‘ उज्जैन का विमोचन किया। इसके बाद स्व. श्री कन्हैयालाल वैद्य की प्रतिमा का अनावरण किया। नगर परिसद के अध्यक्ष श्री बंटी डामोर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री कलसिंह भाबोर, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री लक्ष्मणसिंह नायक तथा दैनिक अग्निपथ उज्जैन के सम्पादक श्री अर्जुन सिंह चंदेल ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

इस कार्यक्रम में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, उज्जैन के पूर्व सांसद सत्यनारायण पवार, अपर कलेक्टर जे.एस.बघेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनन्द सिंह वास्कले, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनिल भाना, इतिहासकार डाॅ.के.के. त्रिवेदी , वरिष्ठ पत्रकार कांति कुमार वैद्य, कल्याण जैन व बड़ी संख्या में गणमान्य नागरीक, पत्रकार गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अभिभाषक श्री विरेन्द्र व्यास ने किया।

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