हनुमान टेकरी पर 4 दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव की आमंत्रण-पत्रिकाओं का हुआ विमोचन

‘‘एक शाम अपने नाम’’ आत्म साक्षात्कार व्याख्यान माला में आचार्य श्री ने 90 मिनिट तक जीवन जीने की सीखाई कला
  • स्वस्थ तन और स्वस्थ मन ही सफल जीवन का फलसफा है, युवाओं में मेनर्स और संस्कार के भाव होना जरूरी -ः आचार्य रामानुजजी
  • हमे समाजों में नहीं बटकर हिन्दू धर्म का प्रचार-प्रसार करना है -ः महंत दयारामदासजी महाराज
झाबुआ। श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति हनुमान टेकरी झाबुआ द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हिन्दू नववर्ष गुड़ीपड़वा पर्व के उपलक्ष में स्थानीय मनोकामना गार्डन में 2 अप्रेल, शनिवार रात 8 बजे से आयोजित ‘‘एक शाम अपने नाम’’ व्याख्यान माला में भागवत कथा प्रवचनकार आचार्य रामानुजजी ने उपस्थित गणमान्यजनों को जीवन जीने की कला सीखाते हुए जीवन से प्रत्यक्ष एवं रूबरू आत्म साक्षात्कार भी करवाया। उन्होंने व्याख्यान माला में विशेष रूप से युवाओं से आव्हान करते हुए कहा कि वह आधुनिकता की अंधी दौड़ में नहीं भटकते हुए अपने अंदर मेनर्स और संस्कार की भावना स्थापित करे। इस दौरान उपस्थित पिपलखुंटा के महंत दयारामदासजी महाराज ने हिन्दू समाज की एकता पर बल देते हुए अलग-अलग समाज में नहीं बंटकर धर्म की रक्षा करने हेतु सभी को प्रेरित किया। व्याख्यान 90 मिनिट तक सत्त चली। इसके पश्चात् आचार्य एवं महंत का शाल-श्रीफल से समिति की ओर से भावभरा अभिनंदन भी किया गया।
             व्याख्यान माला के प्रारंभ में आचार्य श्री रामानुजजी के साथ महंत दयारामदासजी महाराज, भोपाल से श्री राम कथा हेतु पधारे कथा वाचक पं. मंथनजी शांडिल्य ने विश्व मंगल हनुमानजी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया। बाद सभी ने भगवान श्री राम एवं हनुमानजी के सामूहिक जयघोष लगाए। आचार्य एवं महंत का पुष्पमालाओं एवं पुष्प गुच्छ से स्वागत समिति के पदाधिकारियों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार, भाजयुमो जिलाध्यक्ष कुलदीपसिंह चौहान, वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. केके त्रिवेदी, वरिष्ठ समाजसेवी यशवंत भंडारी, अजय रामावत, अशोक शर्मा, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष शांतिलाल पडियार, जिला पेंशनर्स एसोसिएशन अध्यक्ष रतनसिंह राठौर, ब्राम्हण समाज से अश्विन शर्मा, सकल व्यापार संघ से वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंकज जैन मोगरा, रोटरी क्लब आजाद से अजय शर्मा, रवन्द्रिंिसह सिसौदिया, रोटरेक्ट क्लब सचिव दौलत गोलानी, जयेन्द्र बैरागी सहित अन्य मातृ शक्तियों ने किया। बाद स्वागत उद्बोधन समिति अध्यक्ष अरूण भावसार ने देते हुए हनुमान टेकरी पर आगामी 12 से 16 अप्रेल तक होने वाले चार दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव की जानकारी दी। तत्पश्चात् वक्ताओं और अतिथियों ने मिलकर चार दिवसीय आयोजन की आमंत्रण-पत्रिकाओं का श्री राम के जयघोष के बीच और कर्तल ध्वनि के साथ विमोचन किया।
मन और वाणी के तालमेल से वचनसिद्धी की प्राप्ति होती है
मुख्य वक्ता आचार्य रामानुजजी ने व्याख्यान माला की शुरूआत करते हुए प्रारंभ में सभी के चेहरों पर मुस्कारट लाते हुए उनसे भगवान श्री राम के जयघोष लगाए। बाद निर्धारित किए विषय पर बोलते हुए कहा कि आज मनुष्य ने अपने जीवन में स्वयं ही समस्याओं का निर्माण किया है। मनुष्य पर लोभ, क्रोध, ईष्या, मोह, माया इतनी ज्यादा घर कर गई है कि इनके वश में आकर वह अपना अच्छा और बुरा भी ठीक तरीके से नहीं सोच पाता है और लगातार अपने जीवन को अंधकार में डालता जाता है। अपने मन और दिमाग को स्थिर रखकर निर्णय लेना जरूरी है। यदि हमने अपने मन और वाणी में तालमेला बिठाया तो, निश्चित ही हमे वचन सिद्धी की प्राप्ति होगी।
चरित्र और संस्कार में लाए सुधार
आचार्य ने कहा कि इस जीवन में सिर्फ कम ही श्रेष्ठ है। कर्म के आधार पर ही हमे अपना जीवन मिलता है। ईश्वर सर्व व्यापी और सर्व व्याप्त है। ह्रदय में भगवान श्री राम को बसाने से पूरा तन-मन शुद्ध और पवित्र हो जाता है। जीवन में गुरू बनाना बहुत जरूरी है। जो गुरू की शरण में आ जाता है, वह तर जाता है। रामानुजजी ने विशेषकर युवाओं से आव्हान करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी आधुनिकता की दौड़ में अंधी होती जा रही है। उन्होंने युवाओं से मोबाईल और अन्य तकनीकी संसाधनों से समय निकालकर अपनी पर्सनालिटी डेवलेपमेंट पर समय लगाने हेतु मार्गदर्शित किया। अपने अंदर मेनर्स लाने के साथ अपने चरित्र और संस्कार में सुधार लाने से निश्चित ही युवाओं को सफलता प्राप्त होगी।
जिसने खुद को सुधा, वह पूरी दुनिया को साध लेता है
आचार्य ने आगे कहा कि नेता कपड़े से नहीं बनता है, बल्कि उसकी व्यवहार कुशलता से बनता है। जिसने जीवन में खुद को साध लिया, वह पूरी दुनिया को साध लेता है। जिन इंसान को खुद पर भरोसा होता है, वह कभी नहीं चिल्लाता है। व्यक्ति का सम्मान जब होता है, जब वह दूसरा का सम्मान करता है। अपने माता-पिता के अरमान और दिल को दुखाकर व्यक्ति कभी भी खुश नहीं रख सकता है। आपने अलग-अलग संस्कृत श्लाकों के माध्यम से जीवन जीने की कला सीखाई और अंत में श्री राम के जयकारे के साथ ही अपने उद्बोधन को समाप्त किया।
हिन्दू धर्म विश्व का सर्वश्रेष्ठ धर्म
इस अवसर पर महंत दयारामदासजी महाराज ने उपस्थित सभी गणमान्यजनों को हिन्दू नववर्ष एवं गुड़ीपड़वा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिन्दू धर्म विश्व का सबसे श्रेष्ठ और सर्वव्यापी धर्म है। आज हमे समाजों में नही बंटकर एकसूत्र में बंधकर हिन्दू धर्म की रक्षा करना है। उन्होंने पिपलखुंटा में आगामी जुलाई माह में आयोजित श्री राम कथ के भव्य महोत्सव में सभी को पधारने हेतु भावभरा आमंत्रण भी दिया।

शाल-श्रीफल से किया अभिनंदन
समापन पर श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति की ओर अध्यक्ष अरूण भावसार, वरिष्ठ सदस्य गजेन्द्रसिंह चंद्रावत, दिनेश चौहान, पवनेन्दसिंह चौहान, मुकेश नीमा, सुश्रीत झरबड़े, अशोक चौहान, श्यामसुंदर शर्मा, तरूण बैरागी, पुष्पनेन्द्र नीमा, सुभाष गिधवानी, पं. मोहित पुरोहित, महिलाओं में श्रीमती नीता भावसार, सीमा चौहान, रजनी चंद्रावत, पुष्पा नीमा, माया बैरागी, सुश्री किर्ती देवल, लता देवल, रूक्मणी वर्मा, हर्षा गिधवानी, अनिता जाखड़, हरिप्रिया निगम आदि ने आचार्य श्री एवं महंत का शाल-श्रीफल से अभिनंदन किया। समारोह का सफल संचालन समिति के वरिष्ठ गजेन्द्रंिसह चंद्रावत ने किया एवं आभार समिति के युवा डॉ. लोकेश दवे ने माना। प्रवेश द्वार पर आगंतुकोें का तिलक लगकार स्वागत करने के साथ समापन पर सभी के लिए मिष्ठान की प्रसादी भी रखी गई।



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