झाबुआ के राजवाड़ा पर देर रात तक चल रहे शानदार गरबे, पूरा गरबा पांडाल गरबा खेलने एवं देखने वालों की भीड़ से खचाखरा भरा रहा

अष्टमी पर श्री देवधर्म राज मंदिर पर विशेष हवन का हुआ आयोजन

झाबुआ। शारदेय नवरात्रि में शहर के राजवाड़ा पर गरबों का शानदार रंग जम रहा है। झिमलिझम और दूधिया रोशनी से नहाए राजवाड़ा महल और परिसर में देर रात तक शहर के गरबा खेलने एवं देखने वाले एकत्रित रहकर आनंद ले रहे है। यहां जिले के वरिष्ठ समाजसेवी एवं वरिष्ठ उद्योगपति बृजेन्द्र चून्नू शर्मा के विशेष सहयोग से गरबों का वृहद स्तर पर आयोजन हो रहा है। 3 अक्टूबर, सोमवार को अष्टमी पर श्री देवधर्म राज मंदिर पर हवन का विशेष आयोजन हुआ। जिसका लाभ सामाजिक महासंघ के विशेष सहयोगी एवं सकल व्यापारी संघ के संगठन मंत्री हरीश शाह लालाभाई ने सपत्निक लिया।

     जानकारी देते हुए आयोजक श्री देवधर्म राज नवुदर्गा महोत्सव समिति एवं राजवाड़ा मित्र मंडल से जुड़े युवा अंकुश कांठी ने बताया कि नवरात्रि में झाबुआ का राजवाड़ा सुंदर रूप से सज्जा हुआ है। यहां प्रतिदिन प्रातःकाल एवं संध्याकाल आरती-प्रसादी बाद रात 9 बजे से गरबे आरंभ हो रहे है, हालाॅकि अंतिम दिनों में यहां रात्रि 11 बजे बाद से गरबो का रंग जम रहा है। राजवाड़ा पर अतिथियों के बैठने के लिए विशेष मंच बनाए जाने के साथ ही भव्य पांडाल में प्रतिदिन सैकड़ों गबा प्रेमी, जिसमें बच्चों से लेकर बालक-बालिकाएं, युवक-युवतियां और महिलाएं भी विशेष परिधानों मे सजकर गरबा खेल रहीं है। सैकड़ों की संख्या मे लोग राजवाड़ा पर सुंदर गरबों का आनंद ले रहे है।

विधि-विधान से संपन्न हुआ हवन

अष्टमी पर श्री देवधर्म राज मंदिर पर दोपहर 1 बजे से हवन आरंभ हुआ। हवन विधि-विधान से युवा ज्योतिषाचार्य पं. जैमिनी शुक्ला ने मंत्रोच्चार के साथ संपन्न करवाया। यजमान के रूप में लाभ सामाजिक महासंघ के जिला पदाधिकारी एवं सकल व्यापारी संघ के संगठन मंत्री सेवाभावी हरिश शाह ‘लालाभाई’ ने अपनी धर्मपत्नि श्रीमती शाह के साथ लिया। हवन करीब 2 घंटे चला, पूर्णाहूति पर आरती कर प्रसादी वितरण हुआ।

Jhabua news- झाबुआ के राजवाड़ा पर झिलमझिम रोशनी के बीच देर रात तक चल रहे गरबे
झाबुआ के राजवाड़ा पर झिलमझिम रोशनी के बीच देर रात तक चल रहे गरबे

राजवाड़ा स्थित श्री देवधर्म राज मंदिर में स्थापित माता रानी की सुंदर प्रतिमा

आयोजक समिति के अंकुश कांठी ने बताया कि नवमी पर रात्रि जागरण कर अर्थात रातभर गरबे खेले जाकर अलसुबह चल समारोह निकालकर प्रतिमा विसर्जन होगा। समिति द्वारा समस्त लोगों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित रहकर लाभ एवं आनंद लेने की अपील की गई है।
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