मूवी - शिवगंगा हलमा

यह परंपरा निस्वार्थता का प्रतीक है और भीलों के सामुदायिक मूल्यों को एक वृहद रूप में प्रदर्शित करती है।
Item Reviewed: मूवी रिव्यु - शिवगंगा हलमा Description: शिवगंगा हलमा भीली संस्कृति के बीच एक महान भीलि परंपरा है, जो अति प्राचीन काल से भीलों में जीवित है। यह एक प्राचीन भील परंपरा है, जिसके अनुसार एक परिवार की की कुछ समस्या थी, लेकिन सभी साधनों के समाप्त होने के बाद अकेले इस समस्या का सामना करने में सक्षम नहीं थे , तब जरूरत के समय उक्त परिवार को मदद करने के लिए आसपास के अन्य परिवारों को बुलाया गया , फिर कई परिवार एक साथ आये तथा बिना किसी स्वार्थ या सेवा मूल्य के परिवार को मदद मिली । Rating: 5 Reviewed By: Asha News

shivganga-halma-movie-review-2015-मूवी - शिवगंगा हलमा
Social Movie
हमारी रेटिंग: ★★★★★
पाठको की रेटिंग: ★★★★- रेट करे 


क्रिटिक रिव्यू

विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती के लिए हलमा को दोबारा प्रारम्भ किया गया था। सामुदायिक समस्याओं को सुलझाने के लिए हलमा  को पुनः बनाया गया था और अब हर साल वृहद  संख्या में हलमा में गांव के जंगल में पौधे लगाते हैं, कभी बांध का निर्माण होता है। हर साल झाबुआ जिले के पूरे मार्च में हाथापाई के पहाड़ी इलाके में हलमा के आह्वान किया जाता है ,  आश्चर्य की बात है कि  शिवगंगा के इस प्रयास हलमा के लिए निस्वार्थ काम करने के लिए हर साल 8000 से अधिक लोग श्रमदान कर इस हलमा को सफल बनाते है. 

Official Trailor


[review]
[item review-value="9"]स्टार कास्ट[/item]
[item review-value="7"]फ़िल्मांकन दृश्य [/item]
[item review-value="8"]डायलाग [/item]
[item review-value="9"]म्यूजिक[/item]
[content title="Summary" label="Overall Score"]2010 के बाद से हाथी पावा पहाड़ियों में झाबुआ के वर्षा जल संचयन के लिए एक साथ मिलकर काम करने के लिए वार्षिक हलमा का आयोजन किया जा रहा है। 2010 में 1500 से ज्यादा स्वयंसेवकों ने 2011 में 8000 से अधिक गांव के स्वयंसेवकों ने और 2012 में 12000 से अधिक स्वयंसेवकों ने "परमार्थ भाव " की प्रेरणा के साथ मिलकर काम किया। हाल ही में हलमा का आयोजन मार्च 14-15, 2017 में हुआ था जिसमें झाबुआ में जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण के लिए 8000 से अधिक लोगों ने स्वेच्छा से भाग लिया था। हाथीपावा झाबुआ जिले में एक पहाड़ी है जो 9 वर्ग किलोमीटर में फैल गया है। जमीन पर पानी की रिचार्जिंग में खाई खोदने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है। इस प्रयास में स्पष्ट प्रभाव पड़ा है। झाबुआ शहर के तालाब जो गर्मियों के दौरान सूखेंगे अब अधिक लंबी अवधि के लिए पूर्ण रहते हैं[/content]
[/review]
रहें हर खबर से अपडेट झाबुआ न्यूज़ के साथ


Google News